Why Baby Bites: कई बार मांएं शिकायत करती हैं कि उनका बच्चा बार-बार उन्हें ही काटने की कोशिश करता है। खासकर तब, जब मां बच्चे को किसी काम से मना करती है या उसकी जिद नहीं पूरी करती। पेरेंट्स के लिए यह स्थिति परेशानी भरी हो सकती है। लेकिन, बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यह व्यवहार बच्चे की गलती नहीं बल्कि उसके आस-पास के माहौल और बड़े लोगों की प्रतिक्रियाओं का नतीजा होता है।
क्यों काटते हैं बच्चे?
पीडियाट्रिशियन के अनुसार, बच्चे के काटने के पीछे दो मुख्य कारण हो सकते हैं:
इंस्टेंट ग्राटिफिकेशन (Instant Gratification):
अगर कभी बच्चे ने मां को काटकर कुछ मांगा और घर के किसी सदस्य ने उसकी मांग पूरी कर दी, तो बच्चा यह सीख लेता है कि काटकर वह अपनी हर जिद पूरी करवा सकता है। यही वजह है कि धीरे-धीरे काटना उसकी आदत बन जाती है।
दांत निकलने का समय (Teething Phase):
जब बच्चों के दांत निकल रहे होते हैं, तो उन्हें मसूड़ों में असहजता होती है। इस दौरान अगर वे किसी को काटते हैं और सामने वाला तेज रिएक्शन देता है, तो बच्चे को लगता है कि उसे ध्यान मिल रहा है। यही पैटर्न दोहराने से काटने की आदत मजबूत हो जाती है।
बच्चे के काटने की आदत को कैसे रोकें?
रिएक्ट न करें:
जब बच्चा पहली या दूसरी बार काटे, तो गुस्सा या चिल्लाकर प्रतिक्रिया न दें। ऐसा करने से बच्चा समझता है कि उसका यह व्यवहार असरदार है।
प्यार से समझाएं:
बच्चे को आराम से बताएं कि काटने से दर्द होता है और यह सही नहीं है।
टीदर का इस्तेमाल:
बच्चे को काटने के लिए टीदर दें। जब बच्चा टीदर को काटे तो उसे पॉजिटिव रिएक्शन दें जैसे हंसना या प्यार जताना। लेकिन जब वह आपको काटे तो किसी तरह की प्रतिक्रिया न करें।
गलत संकेत न दें:
बच्चों को मजाक में भी यह न कहें कि “उंगली काटकर दिखाओ” या “हाथ काट लो।” इससे बच्चे को लगता है कि काटना एक खेल है और वह बार-बार इसे दोहराने लगता है।
बच्चों का काटना उनकी भावनाओं की अपूर्ण समझ और आस-पास के लोगों की प्रतिक्रियाओं का नतीजा है। अगर माता-पिता शुरुआत से ही धैर्यपूर्वक और सही तरीके से इस आदत को हैंडल करें, तो बच्चे को काटने की आदत से आसानी से छुड़ाया जा सकता है। सबसे जरूरी है कि आप बच्चे के हर व्यवहार को सही दिशा दें और उसे सकारात्मक विकल्प प्रदान करें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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