Iron Deficiency: एनीमिया, यानी खून में हीमोग्लोबिन की कमी, आजकल काफी आम समस्या बन गई है। यह मुख्य रूप से आयरन की कमी के कारण होती है, लेकिन इसके पीछे विटामिन बी12, फोलेट की कमी, थैलेसीमिया, क्रॉनिक बीमारियाँ और जेनेटिक रेड ब्लड सेल डिसऑर्डर भी जिम्मेदार हो सकते हैं। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, जो लोग फोर्टिफाइड अनाज या आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते, उनमें भी एनीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है।
एनीमिया के आम लक्षण
- थकान: आयरन की कमी के सबसे सामान्य लक्षणों में थकान शामिल है। हल्की कमी भी शरीर में कमजोरी का अनुभव करा सकती है। लगातार थकान का कारण केवल आयरन ही नहीं, बल्कि डिप्रेशन, नींद की कमी और स्ट्रेस भी हो सकते हैं। फिर भी बार-बार थकान महसूस होने पर आयरन स्तर की जांच करवाना जरूरी है।
- हाथ-पैर का ठंडा रहना: आयरन की कमी से थायरॉइड फंक्शन प्रभावित हो सकता है। थायरॉइड हार्मोन शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, इसलिए कमी होने पर हाथ और पैर अक्सर ठंडे रह सकते हैं।
- सांस फूलना: एक्सरसाइज या सामान्य गतिविधियों के दौरान सांस लेने में दिक्कत भी आयरन की कमी का संकेत हो सकता है। आयरन शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है, और इसकी कमी से कार्डियो रूटीन के दौरान कठिनाई महसूस हो सकती है।
एनीमिया से बचाव के उपाय
- आयरन युक्त आहार लें, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, बीन्स और फोर्टिफाइड अनाज।
- विटामिन C से भरपूर फलों के साथ आयरन युक्त आहार लें ताकि अवशोषण बेहतर हो।
- नियमित स्वास्थ्य जांच और ब्लड टेस्ट कराएं।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि आयरन की कमी बच्चों और मां दोनों के लिए खतरा पैदा कर सकती है।
डॉक्टर्स की सलाह:
सफदरजंग अस्पताल के विशेषज्ञ बताते हैं कि समय पर आयरन स्तर जांचना और डाइट में संतुलन बनाना एनीमिया से बचाव में सबसे प्रभावी तरीका है। किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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