Dental Care: दांत और मसूड़ों की सेहत हमारे पूरे शरीर के स्वास्थ्य से जुड़ी होती है। अगर मुंह साफ न रहे तो पाचन से लेकर हार्ट हेल्थ तक प्रभावित हो सकती है। कई बार लोग दांत दर्द, मसूड़ों से खून आना या सांसों की बदबू जैसी समस्या के लिए बार-बार डेंटिस्ट के पास जाते हैं। लेकिन आयुर्वेद में ऐसे कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जिनसे इन दिक्कतों से छुटकारा पाया जा सकता है। खासतौर पर कुछ हरे पत्ते आपके दांत और मसूड़ों को मजबूत बनाने के साथ ही मुंह की बदबू को भी दूर करते हैं।
नीम के पत्ते:
नीम के पत्ते दांत और मसूड़ों के लिए किसी औषधि से कम नहीं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों की सड़न और पायरिया जैसी बीमारियों से बचाव करते हैं। रोज सुबह खाली पेट 2–3 नीम के पत्ते चबाने से सांसों की बदबू भी दूर हो जाती है।
तुलसी के पत्ते:
तुलसी के पत्ते मुंह के लिए प्राकृतिक क्लीनर का काम करते हैं। इसमें मौजूद औषधीय गुण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते। रोज 4 तुलसी के पत्ते खाने से मसूड़े मजबूत होते हैं और दांतों की पीली परत भी धीरे-धीरे साफ हो जाती है।
गिलोय के पत्ते:
गिलोय को आयुर्वेद में अमृत कहा गया है। गिलोय के पत्तों का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन और मुंह के छालों में गिलोय बेहद असरदार मानी जाती है।
पुदीने के पत्ते:
पुदीना मुंह की बदबू दूर करने का सबसे आसान उपाय है। यह ताजगी और ठंडक प्रदान करता है। पुदीना खाने से लार का स्राव बढ़ता है जिससे दांत साफ रहते हैं और कैविटी का खतरा कम होता है।
अजवाइन के पत्ते:
अजवाइन के पत्ते दांतों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और मसूड़ों की सूजन कम करते हैं। इन्हें चबाने से दांत दर्द और बदबू से राहत मिलती है।
धनिया के पत्ते:
धनिया सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण मुंह की कई समस्याओं को दूर करते हैं। धनिया चबाने से सांसों की बदबू तुरंत खत्म हो जाती है।
अगर आपको बार-बार दांत दर्द, मसूड़ों से खून आना या मुंह की बदबू की समस्या रहती है तो इन पत्तों का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो डेंटिस्ट से सलाह जरूर लें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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