Child Health: आजकल छोटे बच्चों में ओबेसिटी (मोटापा) और डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, 6 साल की उम्र में ओबेसिटी और 10 साल तक टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क बच्चों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए हमें इसके कारण, असर और समाधान को समझना जरूरी है।
बदलती लाइफस्टाइल और ईटिंग हैबिट्स
बच्चों में इन बीमारियों का सबसे बड़ा कारण उनकी बदलती लाइफस्टाइल है। जंक फूड, प्रोसेस्ड स्नैक्स और शुगर ड्रिंक्स का अधिक सेवन ओबेसिटी बढ़ा रहा है। स्टडीज दिखाती हैं कि कम फिजिकल एक्टिविटी और ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों को अनहेल्दी बना रहे हैं। इसके अलावा, माता-पिता की व्यस्तता के कारण घर का हेल्दी खाना कम और बाहर का फास्ट फूड ज्यादा हो गया है। अगर परिवार में डायबिटीज या ओबेसिटी का इतिहास है, तो जेनेटिक फैक्टर्स भी बच्चों के लिए रिस्क बढ़ाते हैं।
शरीर और माइंड पर असर
ओबेसिटी और डायबिटीज बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर गहरा असर डालते हैं। मोटापे से जूझ रहे बच्चे अक्सर आत्मविश्वास खो देते हैं और सोशल आइसोलेशन महसूस कर सकते हैं। वहीं, टाइप-2 डायबिटीज, जो पहले सिर्फ बड़ों में देखी जाती थी, अब बच्चों में हार्ट प्रॉब्लम्स और इंसुलिन रिसिस्टेंस का खतरा बढ़ा रही है। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर किडनी, आंखों और नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।
एक्सपर्ट्स की राय
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट कहते हैं कि माता-पिता की भूमिका इसमें सबसे अहम है। बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें कुछ चीजों पर ध्यान देना होगा, जैसे:
डेली डाइट में फ्रेश फ्रूट्स, सब्जियां और होल ग्रेन्स शामिल करना।
बच्चों को रेगुलर एक्सरसाइज और आउटडोर एक्टिविटीज के लिए मोटिवेट करना।
स्क्रीन टाइम को लिमिट करना।
स्कूलों में न्यूट्रिशन एजुकेशन और खेल-कूद को बढ़ावा देना।
हेल्दी फ्यूचर की ओर
ओबेसिटी और डायबिटीज से बचाव के लिए अवेयरनेस और समय रहते कदम उठाना जरूरी है। पेरेंट्स को खुद हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए ताकि बच्चे उनसे सीख सकें। सरकार और हेल्थ ऑर्गनाइजेशन को स्कूलों में हेल्थ चेक-अप्स और न्यूट्रिशन प्रोग्राम्स शुरू करने चाहिए। बच्चों को आउटडोर प्ले और कम टेक्नोलॉजी यूज़ के लिए प्रेरित करना लंबे समय में उनके बेहतर स्वास्थ्य की गारंटी देगा।
छोटे बच्चों में इन बीमारियों का बढ़ना इस बात का संकेत है कि हमें अपनी लाइफस्टाइल पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। अगर अभी कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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