Best Time To Drink Tea: भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं बल्कि लोगों की आदत और संस्कृति का हिस्सा है। ज्यादातर लोग सुबह उठते ही चाय पीना पसंद करते हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गलत समय पर चाय पीना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं कि चाय पीने का सही समय कौन-सा है और किन समयों पर चाय से बचना चाहिए।
खाली पेट चाय से क्यों बचें?
कई लोग सुबह उठते ही सबसे पहले चाय पी लेते हैं। लेकिन ऐसा करना पेट के लिए नुकसानदायक है। खाली पेट चाय पीने से एसिडिटी, गैस और डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि सुबह उठकर सबसे पहले गुनगुना पानी या नारियल पानी पीना बेहतर है। इससे शरीर डिटॉक्स होता है और दिनभर एनर्जी बनी रहती है।
खाने के तुरंत बाद चाय न पिएं
खाना खाने के तुरंत बाद चाय पीना भी सेहत के लिए ठीक नहीं है। रिसर्च बताती है कि चाय में मौजूद टैनिन्स शरीर में आयरन और अन्य मिनरल्स के अवशोषण (Absorption) को कम कर देते हैं। लंबे समय में इससे एनीमिया और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए खाना खाने के 30–45 मिनट बाद ही चाय पीना सुरक्षित माना जाता है।
चाय पीने का बेस्ट टाइम
चाय पीने का सबसे अच्छा समय सुबह का नाश्ता करने के बाद या फिर दोपहर में 3 से 5 बजे के बीच होता है। इस समय चाय आपके मूड को फ्रेश करने, एनर्जी लेवल बढ़ाने और काम पर फोकस करने में मदद करती है।
कितनी मात्रा में पिएं चाय?
एक दिन में 2–3 कप से ज्यादा चाय पीना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। ज्यादा चाय पीने से डिहाइड्रेशन, नींद की समस्या और पेट में एसिडिटी बढ़ सकती है। हेल्थ के लिहाज से ग्रीन टी या हर्बल टी बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
रात को चाय पीने से क्यों बचें?
रात में चाय पीने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन दिमाग को एक्टिव कर देता है। इसके कारण नींद आने में दिक्कत हो सकती है और नींद की क्वालिटी भी खराब हो जाती है। जो लोग रात में चाय पीने के आदी हैं, उन्हें धीरे-धीरे इसकी आदत कम करनी चाहिए।
चाय अगर सही समय पर और लिमिट में पी जाए तो यह मूड और एनर्जी बूस्टर का काम करती है। लेकिन इसकी ओवरडोज़ और गलत टाइमिंग सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी चाय पीने की आदतों पर ध्यान दें और हेल्दी विकल्प चुनें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है।
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