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Ayurvedic Remedies: सुबह बासी मुंह इस पत्ते खाने से दिल, पाचन और शुगर पर पड़ते हैं ये फायदे

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Ayurvedic Remedies: सुबह की पहली किरण हमारे शरीर को ऊर्जा से भर देती है, लेकिन अगर दिन की शुरुआत कुछ प्राकृतिक औषधीय चीजों से की जाए, तो यह हमारे स्वास्थ्य को लंबे समय तक मजबूत और रोग मुक्त रख सकती है। आयुर्वेद में बताया गया है कि करी पत्ता (Curry Leaves) का नियमित सेवन कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव कर सकता है।

डॉक्टरों की सलाह है कि रोजाना बासी मुंह 5 करी पत्ते चबाने से दिल की बीमारियों, डायबिटीज और पाचन संबंधी परेशानियों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं करी पत्ते के फायदे:

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करता है

आजकल हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकती है। सुबह बासी मुंह करी पत्ता चबाने से बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) बढ़ता है। इससे दिल की धमनियां साफ रहती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

डायबिटीज नियंत्रण में मददगार

करी पत्ते में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इसका नियमित सेवन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है और इंसुलिन की कार्यक्षमता में सुधार करता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह आयुर्वेदिक उपाय उनके दवाओं के साथ सहायक हो सकता है।

पाचन तंत्र को बनाए दुरुस्त

बासी मुंह करी पत्ता चबाने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। यह कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं को कम करता है। इसमें मौजूद फाइबर आंतों की सफाई करता है और शरीर को हल्का महसूस कराता है।

वजन घटाने में सहायक

करी पत्ता शरीर की चर्बी को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित सेवन से वजन घटाने की प्रक्रिया में तेजी आती है और मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है।

सेवन का सही तरीका

सुबह बासी मुंह 5 करी पत्ते चबाएं।
इसके बाद सादा गुनगुना पानी पिएं।
चाहें तो इसे नींबू पानी या स्मूदी में भी मिला सकते हैं।

प्रकृति ने हमें कई औषधीय चीजें दी हैं, जिनका नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल, डायबिटीज नियंत्रण, बेहतर पाचन और वजन घटाने में मदद करता है। करी पत्ता उनमें से एक बेहद प्रभावशाली उपाय है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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