Sugar Substitutes: हममें से ज्यादातर लोग मीठा खाना पसंद करते हैं लेकिन बढ़ती बीमारियों और मोटापे के डर से चीनी का सेवन कम करने की कोशिश करते हैं। इसी वजह से लोग ब्राउन शुगर, गुड़, शहद, स्टेविया और मोंक फ्रूट जैसे शुगर सब्स्टिट्यूट्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। इन्हें अक्सर “हेल्दी ऑप्शन” कहकर मार्केट किया जाता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सच में सेहतमंद हैं या सिर्फ़ नाम बदलकर वही चीनी हैं? आइए जानते हैं।
टेबल शुगर (Sugar)
टेबल शुगर 50% ग्लूकोज और 50% फ्रुक्टोज से बनी होती है। इसका अधिक सेवन ओवर कैलोरी और मोटापा, डायबिटीज जैसी समस्याओं को जन्म देता है। WHO सलाह देता है कि रोज़ाना 50 ग्राम से अधिक चीनी न लें।
शहद (Honey)
शहद को नेचुरल स्वीटनर कहा जाता है, लेकिन न्यूट्रिशन फैक्ट्स में इसे भी एडेड शुगर ही माना जाता है। यह मीठा तो है लेकिन हेल्दी ऑप्शन नहीं है।
गुड़ (Jaggery)
गुड़ में मिनरल्स और फेनोलिक्स पाए जाते हैं, लेकिन इसकी कैलोरी और मीठास भी चीनी जितनी ही होती है। इसलिए इसे चीनी से बेहतर मानना सही नहीं है।
हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (HFCS)
सॉफ्ट ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड में अक्सर HFCS का इस्तेमाल होता है। इसमें फ्रुक्टोज अधिक होता है और यह ओवरईटिंग और डायबिटीज का बड़ा कारण माना जाता है।
स्टेविया (Stevia)
स्टेविया एक प्लांट-बेस्ड स्वीटनर है जिसमें लगभग शून्य कैलोरी होती है और यह ब्लड शुगर नहीं बढ़ाता। लेकिन मार्केट में उपलब्ध प्रोडक्ट्स अक्सर प्योर नहीं होते, उनमें एरिथ्रिटोल और माल्टोडेक्सट्रिन भी मिला होता है।
मोंक फ्रूट (Monk Fruit)
मोंक फ्रूट एक्सट्रैक्ट चीनी से 200 गुना अधिक मीठा होता है और इसमें कैलोरी लगभग नहीं होती। स्वाद में यह स्टेविया से बेहतर माना जाता है। लेकिन इसके भी कई प्रोडक्ट्स में अन्य शुगर एल्कोहल मिलाए जाते हैं।
क्या सच में हेल्दी है?
WHO के अनुसार किसी भी प्रकार का स्वीटनर चाहे वह प्राकृतिक हो या आर्टिफिशियल लंबे समय में बीमारियों से बचाव या वजन घटाने की गारंटी नहीं देता।
अगर आपको मीठा डालना ही है तो सीमित मात्रा में स्टेविया या मोंक फ्रूट इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन असली उपाय है कुल मिलाकर कम मीठा खाना।
WHO सलाह देता है कि वयस्क और बच्चे, दोनों ही रोज़ाना अपनी कुल कैलोरी का 10% से कम ही शुगर लें। बेहतर स्वास्थ्य के लिए इसे 5% यानी लगभग 25 ग्राम (6 चम्मच) प्रतिदिन तक सीमित करना चाहिए।
शुगर सब्स्टिट्यूट्स का इस्तेमाल समझदारी से और सीमित मात्रा में करें। सेहत का असली मंत्र है, मीठा कम खाइए और संतुलित डाइट अपनाइए।
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