Acidity: आजकल मसालेदार और तैलीय खाना खाने की वजह से अक्सर लोगों को सीने में जलन और एसिडिटी की समस्या होती है। हालांकि कभी-कभार एसिडिटी होना आम बात है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है तो यह केवल पाचन की गड़बड़ी नहीं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकती है।
एसिडिटी क्या है?
एसिडिटी तब होती है जब पेट में एसिड का स्तर बढ़ जाता है और वह वापस फूड पाइप (esophagus) की ओर आने लगता है। इससे सीने में जलन, खट्टा पानी मुंह में आना और डकार जैसी समस्याएं होती हैं। बार-बार होने वाली एसिडिटी को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
बार-बार एसिडिटी होने के संभावित कारण
GERD (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज)
लगातार सीने में जलन, खट्टा पानी आना और गले में खट्टापन महसूस होना GERD का संकेत हो सकता है।
अल्सर (Ulcer)
पेट की भीतरी परत पर घाव बनने से भी एसिडिटी की समस्या होती है। इसका कारण हो सकता है H. Pylori इंफेक्शन या लंबे समय तक दवाओं का सेवन।
गैस्ट्राइटिस (Gastritis)
पेट की परत में सूजन आने से भूख कम लगना, उल्टी और जी मिचलाना जैसी समस्याओं के साथ एसिडिटी भी बनी रहती है।
गॉलब्लैडर स्टोन (Gallbladder Stone)
तैलीय खाना खाने के बाद पित्ताशय में पथरी होने पर भी बार-बार एसिडिटी होती है।
पैंक्रियाटाइटिस (Pancreatitis)
पैंक्रियाज में सूजन आने से लगातार एसिडिटी, उल्टी और पेट दर्द होता है। यह गंभीर स्थिति है।
कब लें डॉक्टर की मदद?
अगर 3–4 हफ्ते से ज्यादा समय तक एसिडिटी बनी रहे।
दवा लेने के बाद भी आराम न मिले।
अचानक वजन कम हो जाए या उल्टी में खून आए।
खाने के तुरंत बाद पेट दर्द और भारीपन हो।
एसिडिटी से बचाव के उपाय
समय पर खाना खाएं और देर रात भोजन से बचें।
हल्का और हेल्दी आहार लें, जैसे केला, पपीता, खीरा, दलिया और दही।
पर्याप्त पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
मसालेदार, तैलीय और खट्टी चीजों से दूरी बनाएं।
शराब, धूम्रपान और कैफीन से बचें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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